1- यह सिमकार्ड किस मोबाइल में प्रयुक्त हुआ है, इसका कोई उल्लेख जप्ती पत्रक में नही है। इसके अतिरिक्त इस सिमकार्ड की जप्ती को उक्त दोनों साक्षियों ने अपने-अपने साक्ष्य में प्रमाणित ही नही किया है, बल्कि उक्त दोनों साक्षियों ने अपने-अपने साक्ष्य में कथन किया है कि वे आरोपी मजीबुद्दीन को नही पहचानते हैं।
2- प्रदर्श पी 57 के अनुसार आरोपी तपन सरकार से एक ग्रे रंग का पुराना मोबाइल फोन जप्त किया गया है, जिसके साक्षी अ0सा017 गणेश कुमार देवदास व अ0सा031 अवतार सिंह है, लेकिन उक्त दोनों साक्षियों ने अपने-अपने साक्ष्य में आरोपी तपन सरकार से मोबाइल फोन की जप्ती को प्रमाणित नही किया है। जप्ती पत्रक प्रदर्श पी 57 से यह भी प्रमाणित नही होता है कि ग्रे कलर के पुराने मोबाइल फोन में किसी सिम का प्रयोग किया गया था।
92- जप्ती पत्रक प्रदर्श पी 58 के अनुसार प्रेमचंद श्रीवास्तव नामक व्यक्ति से एक स्लेटी ग्रे ब्लैक कलर का मोबाइल सेट जप्त किया गया था, जिसके साक्षी अ0सा017 गणेश कुमार देवदास एवं अ0सा031 अवतार सिंह हैं, जिन्होंने अपने साक्ष्य में उक्त मोबाइल फोन की जप्ती की कार्यवाही की पुष्टि नही किये हैं। इसके अतिरिक्त अभियोजन द्वारा प्रेमचंद श्रीवास्तव नामक व्यक्ति को साक्षी के रूप में प्रस्तुत नही किया गया है। इस मोबाइल फोन से किस सिम क्रमांक का उपयोग किया गया था, इस संबंध में कोई साक्ष्य नही है।
93- प्रदर्श पी 61 के जप्ती पत्रक के अनुसार आरोपी पंकज सिंह से एक मोबाइल फोन नोकिया कम्पनी का मॉडल नम्बर 3120 टाइप आर.एच.-19 आईएमईआई 355022/00/768925/5 जप्त करना बताया गया है, जिसके साक्षी अ0सा018 राजेश कुमार हैं, जबकि दुसरे साक्षी तारकेश्वर राय को प्रस्तुत नही किया गया है, जबकि अ0सा018 राजेश कुमार ने अपने साक्ष्य की कण्डिका 2 में कथन किया है कि उसका बच्चा भीड़ में खो गया था, तब वह थाना सुपेला गया था, एक सिपाही ने उससे हस्ताक्षर करने को कहा था तो उसने हस्ताक्षर कर दिया । उसने पुछा तो सिपाही ने बताया कि मोबाइल की जप्ती है। यह मोबाइल फोन भी बिना सिम के जप्त किया गया है। इसके स्वामित्व संबंधी कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत नही किये गये हैं। इस जप्ती पत्रक के दूसरे साक्षी तारकेश्वर राय को प्रस्तुत नही किया गया है।
94- प्रदर्श पी 62, प्रदर्श पी 63, प्रदर्श पी 65 के जप्ती पत्रक से क्रमशः संतोष साहू, आरोपी शैलेष सिंह, आरोपी एस. सैंथिल्य से क्रमशः एक-एक मोबाइल सेट सैमसंग कम्पनी, नोकिया कम्पनी का जप्त किया गया है, जिसमें सिम भी जप्त की गयी है। संतोष साहू से सिम नम्बर 98271-14414, आरोपी शैलेष सिंह से 98264-29840, आरोपी एस.सैथिल्य से 94252-37522 की सिम की जप्ती की गयी है। लेकिन उक्त तीनों जप्ती पत्रक में साक्षी अ0सा018 राजेश कुमार, मुन्ना उर्फ तारकेश्वर हैं। लेकिन अ0सा018 राजेश कुमार ने अपने साक्ष्य में उक्त मोबाइल फोन की जप्ती को प्रमाणित नही किया है और अभियोजन द्वारा मुन्ना उर्फ तारकेश्वर को साक्षी के रूप में प्रस्तुत नही किया गया है। जहां तक उनके सिम नम्बर से कॉल डिटेल्स का प्रश्न है, तो उक्त संबंध में अभियोजन के साक्ष्य की विवेचना कॉल डिटेल्स की विवेचना करते समय की जावेगी।
95- प्रदर्श पी 73 के अनुसार आरोपी सत्येन माधवन से एक सैमसंग कम्पनी का मोबाइल सेट सिलवर कलर मॉडल नॅबर एस.जी.एच. -एक्स. 430 जिसका सिम नम्बर 94252-45318 है एवं एक चार्जर को जप्त करना बताया गया है, जिसके साक्षी अ0सा021 आनंद साहू एवं अ0सा031 अवतार सिंह है। उक्त दोनों साक्षियों ने अपने-अपने साक्ष्य में आरोपीगण को पहचानने से ही इंकार कर दिया है। उन्होंने जप्ती पत्रक प्रदर्श पी 73 में अपने हस्ताक्षर को स्वीकार किया है, लेकिन मोबाइल फोन की जप्ती से इंकार किया है।
96- प्रदर्श पी 91 के अनुसार आरोपी चुम्मन से एक नोकिया कम्पनी का मोबाइल सेट और सिम चालू हालत में जप्त किया गया है, लेकिन सिम का क्रमांक अंकित नही है। इस जप्ती की कार्यवाही प्रदर्श पी 91 को अ0सा026 दीपक कुमार ने अपने साक्ष्य में प्रमाणित नही किया है और दूसरे साक्षी अवधेश चौहान को अभियोजन द्वारा प्रस्तुत ही नही किया गया है। इस मोबाइल फोन के सिम का कोई क्रमांक अंकित नही है।
97- प्रदर्श पी 98 के अनुसार आरोपी नरेन्द्र कुमार दुबे से एक नोकिया कम्पनी का मोबाइल फोन मॉडल नम्बर 3310 जिसका आईएमईआई 351475/60/537670/5 है, को जप्त करना बताया गया है, जिसके साक्षी अ0सा033 मंगलूदास एवं अ0सा034 तारकेश्वर वल्द कृष्णामूर्ति है, जिन्होंने अपने-अपने साक्ष्य में जप्ती की कार्यवाही को प्रमाणित नही किया है।
98- प्रदर्श पी 108 के अनुसार आरोपी सुशील कुमार राठी से एक नीले रंग के नोकिया कम्पनी का मोबाइल सेट एवं सिम क्रमांक 94252-35501 जिस पर नोकिया 2100 लिखा है, जप्त किया गया था। इसी प्रकार प्रदर्श पी 115 के अनुसार अ0सा046 गुरजीत सिंह नामक व्यक्ति से एल.जी. कम्पनी का मोबाइल फोन 93028-38553 गवाह कमलजीत और गवाह रविकांत साहू के समक्ष उपनिरीक्षक एम.के.ध्रुव द्वारा जप्त किया जाना बताया गया है। लेकिन एम.के. ध्रुव को ही साक्षी के रूप में प्रस्तुत नही किया गया है। जप्ती पत्रक प्रदर्श पी 137 के अनुसार आरोपी संजय सिंह से एक सिल्वर रंग का मोबाइल फोन जिसमें रिलायंस एल.जी. लिखा है, को गवाह गणेश कुमार देवदास एवं दलवीर सिह के समक्ष जप्त करना बताया गया है। जप्ती पत्रक प्रदर्श पी 140 के अनुसार आरोपी विद्युत चौधरी से गवाह विक्की गुप्ता एवं सुर्यकांत बघेल के समक्ष एक नोकिया कम्पनी का मोबाइल जप्त करना बताया है। लेकिन उक्त जप्ती पत्रक के साक्षी विक्की गुप्ता एवं सुर्यकांत बघेल को साक्षी के रूप में प्रस्तुत नही किया गया है, जबकि प्रस्तुत साक्षी अ0सा017 गणेश कुमार देवदास ने अपने साक्ष्य में जप्ती की कार्यवाही को प्रमाणित नही किया है।
99- अभियोजन द्वारा जप्ती पत्रक के अन्य साक्षी कुसूम श्रीवास्तव, अवधेश चौहान, सुरज बेसेकर, कंवलजीत सिंह, रविकांत साहू का परीक्षण ही नही करवाया गया है। इसी प्रकार जप्ती पत्रक प्रदर्श पी 118 के अनुसार घनश्याम साहू और अमरनाथ गिरी का भी परीक्षण नही करवाया गया है। इसके अतिरिक्त आरोपी बच्चा उर्फ अब्दुल जायद से पुलिस ने एक मोबाइल फोन जप्त किये थे, लेकिन आरोपी अब्दुल जायद उर्फ बच्चा से की गयी जप्ती स्वतंत्र साक्षियों के साक्ष्य से प्रमाणित नही होती है। यद्यपि विवेचक द्वारा अपने-अपने साक्ष्य में उक्त मोबाइल और सिम की जप्ती करना बताया है, लेकिन जप्ती पत्रक में मोबाइल फोन के आईएमईआई नम्बर एवं मोबाइल फोन बिना सिम के जप्त करने के कारण मोबाइल फोन की जप्ती से कोई भी लाभ अभियोजन को प्राप्त नही होता है।
कॉल डिटेल्स की साक्ष्य
100- कॉल डिटेल्स को प्रमाणित करने हेतु अ0सा058 भार्गव शर्मा, अ0सा061 अनिल वर्मा, अ0सा070 हनुमान सिंह का साक्ष्य प्रस्तुत किया गया है, जिन्होंने अपने-अपने साक्ष्य में कॉल डिटेल्स प्रदर्श पी 78 से प्रदर्श पी 88, प्रदर्श पी 129, प्रदर्श पी 130 ए, बी, सी, प्रदर्श पी 131, प्रदर्श पी 132 ए से आई, प्रदर्श पी 139 को चिन्हित किया है। कॉल डिटेल्स के संबंध में भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 की धारा 65 ख अन्तःस्थपित की गयी है, जिसकी धारा 65 (2) में ‘‘कम्प्युटर आउटपुट के विषय का वर्गीकरण किया गया है।‘‘ इसी प्रकार 65 (ख)(4) में प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने का भी प्रावधान किया गया है। इस धारा में उत्तरदायी शासकीय प्रस्थिति प्राप्त व्यक्ति द्वारा हस्ताक्षरित किये जाने का भी प्रावधान किया गया है। लेकिन इस प्रकरण में धारा 65 (ख)(4) का कोई प्रमाण पत्र प्रस्तुत नही किया गया है। अतः ऐसी किसी प्रमाण पत्र के अभाव में प्रस्तुत कॉल डिटेल्स का कोई साक्ष्यिक मूल्य नही रह जाता 112 है। इस संबंध में माननीय उच्चतम न्यायालय के माननीय तीन न्यायाधिपतियों द्वारा निराकृत न्यायदृष्टांत अनवर पी.व्ही. बनाम पी.के. बशीर एवं अन्य एआईआर 2015 सुप्रीम कोर्ट पेज क्रमांक 180 का पैरा 19 एवं 22 अवलोकनीय है जिसमें माननीय उच्चतम न्यायालय यह अभिनिर्धारित किया है कि:-
An electronic record by way of secondary evidence therefore shall not be admitted in evidence unless the requirment under section 65 B are satisfied. Thus, incase of C.D., V.C.D., chip etc., the same shall be accompanied by the certificate in terms of section 65 B obtained at the time of taking the document, without which, the secondary evidence pertaining to that electronic record, is inadmisible.
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