
गैंगस्टर महादेव महार हत्याकांड फैसला (क्र. 215 से 219)
- गैंगस्टर महादेव महार हत्याकांड फैसला (क्र. 1 से 10
- गैंगस्टर महादेव महार हत्याकांड फैसला (क्र. 11 से 20
- गैंगस्टर महादेव महार हत्याकांड फैसला (क्र. 21 से 30
- गैंगस्टर महादेव महार हत्याकांड फैसला (क्र. 31 से 40
- गैंगस्टर महादेव महार हत्याकांड फैसला (क्र. 41 से 50
- गैंगस्टर महादेव महार हत्याकांड फैसला (क्र. 51 से 60...
- गैंगस्टर महादेव महार हत्याकांड फैसला (क्र. 61 से 70...
- गैंगस्टर महादेव महार हत्याकांड फैसला (क्र. 71 से 80...
- गैंगस्टर महादेव महार हत्याकांड फैसला (क्र. 81 से 9...
- गैंगस्टर महादेव महार हत्याकांड फैसला (क्र. 91 से 100...
- गैंगस्टर महादेव महार हत्याकांड फैसला (क्र. 101 से 110...
- गैंगस्टर महादेव महार हत्याकांड फैसला (क्र. 111 से 120...
- गैंगस्टर महादेव महार हत्याकांड फैसला (क्र. 121 से 130...
- गैंगस्टर महादेव महार हत्याकांड फैसला (क्र. 131 से 140...
- गैंगस्टर महादेव महार हत्याकांड फैसला (क्र. 141 से 150...
- गैंगस्टर महादेव महार हत्याकांड फैसला (क्र. 151 से 160 ...
- गैंगस्टर महादेव महार हत्याकांड फैसला (क्र. 161 से 170...
- गैंगस्टर महादेव महार हत्याकांड फैसला (क्र. 171 से 180 ...
- गैंगस्टर महादेव महार हत्याकांड फैसला (क्र. 181 से 190...
- गैंगस्टर महादेव महार हत्याकांड फैसला (क्र. 191 से 198...
- गैंगस्टर महादेव महार हत्याकांड फैसला (क्र. 199 से 209...
- गैंगस्टर महादेव महार हत्याकांड फैसला (क्र. 210 से 214...
- गैंगस्टर महादेव महार हत्याकांड फैसला (क्र. 215 से 219...
216- आरोपीगण न्यायिक अभिरक्षा में भी रहे हैं, अतः उनकी न्यायिक अभिरक्षा की अवधि दं0प्र0सं0 की धारा 428 के तहत समायोजित की जावे।
217- आरोपी पिताम्बर साहू, छोटू उर्फ कृष्णा, रंजीत सिंह, बिज्जु उर्फ महेश यादव एवं आरोपी शैलेन्द्र ठाकुर जमानत पर स्वतंत्र हैं, उन्हें तत्काल अभिरक्षा मे लिया जावे एवं उक्तानुसार सजा भुगतने हेतु जेल भेजा जावे। आरोपी जयदीप, गुल्लू उर्फ अरविंद श्रीवास्तव, विनोद सिंह केन्द्रीय जेल दुर्ग में निरूद्ध हैं, उन्हें यदि अन्य प्रकरण में
आवश्यकता न हो तो तत्काल मुक्त करने का आदेश जारी हो। लेकिन उनसे दं0प्र0सं0 की धारा 437 ए के तहत पचास-पचास हजार रूपये का बंधपत्र छः माह के लिये इस आशय का निष्पादित करवाया जावे कि यदि अभियोजन द्वारा इस निर्णय के विरूद्ध अपील होती है तो वे माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष उपस्थित होंगे।
218- शेष आरोपीगण जो जमानत पर मुक्त हैं, उनके जमानत एवं बंधपत्र दं0प्र0सं0 की धारा 437 ए के तहत आगामी छः माह तक प्रभावशील रहेंगे।
219- जप्तशुदा सम्पत्ति के संबंध में कोई आदेश नही किया जा रहा है, क्योंकि इस प्रकरण के शेष आरोपी शहजाद, पी. प्रीतिश एवं गया उड़िया उर्फ जयचंद प्रधान अभी भी फरार हैं।
मेरे निर्देशानुसार टंकित किया गया ।
(राजेश श्रीवास्तव)
विशेष न्यायाधीश, दुर्ग (छ.ग.)
मूल न्याय निर्णय दुर्ग न्यायालय के न्यायनिर्णय वेब साईट से पीडीएफ फारमेट में प्राप्त की जा सकती है.