111- अ0सा076 आर0के0 राय ने अपने साक्ष्य की कंडिका 17 में कथन किया है कि उन्होंने आरोपी तपन सरकार उर्फ अमिताभ को दिनांक 24/07/2005 को अभिरक्षा में लेकर गवाह गणेश कुमार एवं ईश्वरलाल के समक्ष उसका बयान मेमोरेण्डम लिया था, तब आरोपी तपन ने यह बताया था कि ’’उसने जिस 315 बोर के कट्टे से महादेव पर फायर किया था, वह कट्टा तथा जिंदा कारतूस तथा घटना के वक्त पहने कपड़े घर में दीवान में छुपाकर रख दिया हूं और घटना के समय जिस पल्सर मोटरसायकल से आया था, वह गाड़ी घर में रखी है, चलो चलकर बरामद करा देता हूं । इस आरोपी का बयान मेमोरेण्डम प्रदर्श पी 51 है, जिसके द से द भाग पर आरोपी तपन के और स से स भाग में विवेचक अ.सा.76 आर0के0राय के हस्ताक्षर है।
112- अ.सा.76 आर0के0 राय ने कंडिका 19 में कथन किया है कि उन्होंने उसी दिनांक 24/07/05 को आरोपी तपन सरकार से गवाह गणेश और ईश्वरलाल के समक्ष एक लोहे का कट्टा, एक 315 बोर का जिंदा कारतूस, एक सफेद रंग की हाफ शर्ट, एक नेवी ब्लू रंग का जींस पैंट जप्त किया था, जिसका जप्तीपत्र प्रदर्श पी 55 है, जिसके स से स भाग पर पर उसके और द से द भाग पर आरोपी तपन के हस्ताक्षर है। उन्होंने उसी दिन आरोपी तपन सरकार से गवाहों के समक्ष एक काले रंग की पल्सर मोटरसायकल, बिना रजिस्ट्रेशन नंबर की, इंजन नंबर-डी.एच.जी.बी.जे.जे.97027 एवं चेचिस नंबर डी.एच.व्ही.बी.जे.जे. 90996 जप्त किया था, जिसका जप्तीपत्र प्रदर्श पी 56 है। आरोपी तपन सरकार के बयान मेमोरेण्डम प्रदर्श पी 51 एवं बयान मेमोरेण्डम के आधार पर की गयी जप्ती प्रदर्श पी 55 एवं पी 56 का साक्षी अ.सा.17 गणेश कुमार देवदास है। अ.सा.17 गणेश कुमार देवदास ने अपने साक्ष्य की कंडिका 2 की अंतिम लाईनों में प्रदर्श पी 51 के बयान मेमोरेण्डम व जप्ती प्रदर्श पी 55 एवं 56 के अ से अ भाग पर अपना हस्ताक्षर होना स्वीकार किया है, लेकिन उसने शेष कार्यवाही को अपने सामने नहीं होने का कथन किया है। यहां तक कि उसने आरोपी तपन सरकार को पहचानने से भी इंकार कर दिया है। लेकिन इस साक्षी ने अपने साक्ष्य की कंडिका 12 में यह स्वीकार किया है कि यह बात सही है कि उसने इस बारे में पुलिस के किसी वरिष्ठ अधिकारी से शिकायत नहीं किया
कि उसने पुलिस के डराने से उक्त दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किया था। उसने पुलिस ने जबरदस्ती की थी, इस संबंध में भी उसने कहीं कोई शिकायत नहीं की ।
113- अ.सा.76 आर0के0 राय ने अपने साक्ष्य की कंडिका 57 में कथन किया है कि जप्तीपत्र प्रदर्श पी 54, 55 एवं 117 में सीलबंद किए जाने का उल्लेख है, लेकिन आज उसे याद नहीं है कि जप्तशुदा वस्तुओं की पैकिंग कपड़े में की गयी थी, या कागज में की गयी थी या खड्डे में की गयी थी । इस साक्षी ने अपने साक्ष्य की कंडिका 62 में कथन किया है कि यह कहना सही है कि तपन सरकार के मेमोरेण्डम प्रदर्श पी 51 के प्रथम पृष्ठ में तपन के हस्ताक्षर नहीं है। यह कहना गलत है कि मेमोरेण्डम के अंत की पंक्तियां बाद में जोड़ी गयी है। इस साक्षी ने अपने साक्ष्य की कंडिका 63 में कथन किया है कि प्रदर्श पी 51 दर्ज करने का समय 20.30 बजे है, लेकिन उसके लेखन का क्या समय है, वह नहीं बता सकते। प्रदर्श पी 51 के मेमोरेण्डम को बारीकी से लेखबद्ध करने का प्रश्न नहीं है, बल्कि आरोपी ने जो कुछ बताया, उसे उसने लेखबद्ध किया । इस साक्षी ने अपने साक्ष्य की कंडिका 66 में यह स्वीकार किया है कि यह कहना सही है कि प्रदर्श पी 55 के जप्तीपत्र में उन्होंने कट्टा की स्थिति को दर्शाने के लिए कोई स्केच नहीं बनाया था, कट्टे का फोटोग्राफ्स नहीं लिया था। इस साक्षी ने अपने साक्ष्य की इसी कंडिका में यह भी कथन किया है कि उसे याद नहीं है कि आरोपी तपन के प्रेमनगर सिकोलाभाठा के घर में कितने कमरे और कौन-कौन रहते हैं । इस साक्षी का अपने साक्ष्य की कंडिका 67 में कथन है कि यह कहना सही है कि आरोपी तपन के प्रेमनगर सिकोलाभाठा स्थित घर में दिनांक 24/07/05, 29/07/05 को गया था। यह कहना गलत है कि उसने बाद में कपड़ा, कारतूस और मोबाइल कहीं और से अरेंज कर उसे आरोपी तपन के घर से पिछली तिथियों में जप्त करना बताया है। अ.सा.76 आर0के0 राय ने अपने साक्ष्य की कंडिका 68 में यह भी कथन किया है कि यह कहना गलत है कि मेमोरेण्डम प्रदर्श पी 51, 52 तथा जप्तीपत्र प्रदर्श पी 55, 57, 58 मिथ्या, बनावटी और फर्जी है।
114- इस प्रकार अ.सा.76 आर0के0 राय के प्रतिपरीक्षण से आरोपी तपन सरकार की यही प्रतिरक्षा मुख्य रूप से दर्शित होती है कि आरोपी तपन के मेमोरेण्डम के प्रथम पृष्ठ में हस्ताक्षर नहीं है, आरोपी तपन के घर कितने कमरे थे, यह अ.सा.76 आर0के0 राय नहीं बता पा रहे हैं, इसलिए वे आरोपी तपन के घर नहीं गए। लेकिन आरोपी तपन के बयान मेमोरेण्डम के अंतिम पृष्ठ में आरोपी के हस्ताक्षर है और ऐसा कोई विधि का नियम भी नहीं है कि आरोपी के प्रत्येक पृष्ठ पर हस्ताक्षर होने चाहिए । इस संबंध में माननीय छ0ग0 उच्च न्यायालय का न्यायदृष्टांत 2013 (3)सीजीएलजे (सीजी) पेज क्रमांक 401 अवलोकनीय है, जिसमें माननीय छ0ग0 उच्च न्यायालय ने बयान मेमोरेण्डम एवं जप्ती की कार्यवाही में आरोपी के हस्ताक्षर को भी गैरजरूरी बताया है। जहां तक आरोपी तपन के घर जाने का प्रश्न है तो प्रकरण में ऐसा कोई भी साक्ष्य नहीं है, जिससे यह दर्शित हो कि अ.सा.76 आर0के0 राय ने आरोपी तपन के घर में कट्टा, 315 बोर का जिंदा कारतूस, सफेद शर्ट, जींस पैंट आदि प्लांट किया था ।
आरोपी सत्यन माधवन के संबध में
115- आरोपी सत्यन माधवन के बयान मेमोरेण्डम को अ.सा.77 राकेश भट्ट ने अभिलिखित किया है, जिसकी पुष्टि अ.सा.77 राकेश भट्ट ने अपने साक्ष्य की कंडिका 8 में किया है। अ.सा.77 राकेश भट्ठ ने अपने साक्ष्य की कंडिका -8 की अंतिम लाईनों में कथन किया है कि आरोपी सत्यन माधवन ने उन्हें बताया था कि उसने कट्टा और खाली खोखा अंडरब्रिज के आगे खंभे के पास प्लास्टिक झिल्ली में रखकर गढ्ढे में गड़ा दिया है चलो चलकर बरामद करा देगा। उसका बयान मेमोरेण्डम प्रदर्श पी 71 है। इस साक्षी ने अपने साक्ष्य की कंडिका 9 में कथन किया है कि उन्होंने पंच आनंद कुमार एवं अवतार सिंह के समक्ष आरोपी सत्यन माधवन की निशादेही पर अंडरब्रिज खंभे के पास से एक देशी कट्टा 315 बोर का, जिसमें बैरल अंदर एक कारतूस खोखा फंसा हुआ था, खोखे के पेंदे में 8 एमएम केएफ लिखा हुआ था, मूठ लकड़ी का बना हुआ, कट्टे की कुल लंबाई 12 इंच, बैरल की लंबाई 7 इंच, जो प्लास्टिक की झिल्ली में रखा था, आरोपी द्वारा निकालकर पेश करने पर गवाहों के समक्ष जप्त किया था, जिसका जप्तीपत्र प्रदर्श पी 72 है। इस साक्षी का अपने साक्ष्य में यह भी कथन है कि प्रदर्श पी 71 एवं पी 72 के द से द भाग पर एवं स से स भाग पर आरोपी सत्यपन माधवन के हस्ताक्षर है और उसके हस्ताक्षर है एवं साक्षियों के भी हस्ताक्षर है।
116- इस साक्षी का अपने साक्ष्य की कंडिका 10 में कथन है कि दिनांक 22/07/05 को आरोपी सत्यन माधवन के पेश करने पर उसके मकान से पंच आनंद व अवतार सिंह के समक्ष बिना नंबर प्लेट वाली हीरो होण्डा प्लेजर, एक सैमसंग कंपनी का मोबाइल सेट जप्त किया था, जिसका जप्तीपत्र प्रदर्श पी 73 है, जिसके स से स भाग पर आरोपी सत्यन माधवन के और द से द भाग पर उसके व गवाहों के हस्ताक्षर है।
117- इस साक्षी ने अपने साक्ष्य की कंडिका 37 में आरोपी सत्यन माधवन से जप्त कट्टा, मोबाइल को न्यायालय में प्रस्तुत करने पर आर्टिकल-ए के रूप में चिन्हित किया है और खोखे को सी-3 के रूप में चिन्हित किया है।
118- इस साक्षी का प्रतिपरीक्षण आरोपी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा किया गया है, तब इस साक्षी के प्रतिपरीक्षण की कंडिका 40, 41, 42 के अवलोकन से यह दर्शित होता है कि इस संबंध में आरोपीगण के यह प्रतिरक्षा है कि इस साक्षी ने सी-1, सी-2 के खोखे, कारतूस एल-1, दो बुलेट बी-1, बी-2 को एक ही पैकेट में पैक किया था, लेकिन न्यायालय में दो अलग-अलग पैकेट में प्राप्त हुए हैं तो इस संबंध में अ.सा.77 राकेश भट्ट ने यह स्पष्टीकरण भी दिया है कि उसने एक ही पैकेट बनाया था, जांच के पश्चात् उक्त दोनों आर्टिकल ए-4 एवं सी-5 अलग-अलग पैकेट में वापस आयी है, जांच के दौरान प्लास्टिक की झिल्ली भी नहीं पायी गयी है, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि सी.एफ.एस.एल. में जांच पश्चात् प्लास्टिक की झिल्ली को पैक नहीं किया गया है। इसके अतिरिक्त आरोपी सत्यन माधवन की यह भी प्रतिरक्षा दर्शित होती है कि जप्त आर्टिकलों में कोई व्यक्तिगत पहचान चिन्ह नहीं लगाया गया है। ऐसी स्थिति में उन्होंने न्यायालय में उक्त संपत्ति की पहचान कैसे की है ? लेकिन यह प्रतिरक्षा भी स्वीकार योग्य नहीं है। अ.सा.77 राकेश भट्ट एक अनुभवशील पुलिस अधिकारी है, जिनके साक्ष्य की कंडिका 21 के अनुसार वे वर्ष 1978 से पुलिस विभाग में है। अतः ऐसी स्थिति में अ.सा.77 राकेश भट्ट से यह उम्मीद नहीं की जा सकती है कि वे स्वयं द्वारा जप्त की गयी संपत्तियों की पहचान नहीं कर पायेंगे ।
119- जहां तक जप्तशुदा खोखे, कारतूस, बुलेट एक ही पैकेट में प्राप्त होने का प्रश्न है तो इस संबंध में अ.सा.77 राकेश भट्ट द्वारा दिया गया स्पष्टीकरण कि एफ.एस.एल. से एक ही पैकेट में प्राप्त हुआ है, स्वीकार योग्य है।
120- आरोपी सत्यन माधवन से बरामद एक देशी कट्टा 315 बोर का, जिसके बैरल के अंदर एक कारतूस खोखा फंसा हुआ था, के संबंध में आरोपी सत्यन माधवन की एक मुख्य प्रतिरक्षा यह है कि आरोपी सत्यन माधवन का बयान मेमोरेण्डम दिनांक 21/07/05 को 11.35 बजे रात्रि को प्रदर्श पी 71 के अनुसार लिया जाना बताया गया है, जबकि कट्टे की जप्ती अंडरब्रिज खंभे के पास भूमि के अंदर से दिनांक 22/07/05 को समय 6.10 बजे की गयी है। इस प्रकार कुल 18 घंटे 35 मिनट का विलंब कारित यिका गया है, जिसका कोई भी स्पष्टीकरण अ.सा.77 राकेश भट्ट ने अपने मुख्य परीक्षण में नहीं दिया है। यह तर्क सत्य है कि अ0सा077 राकेश भट्ट ने उक्त विलंब का स्पष्टीकरण अपने मुख्य परीक्षण में नहीं दिया है, लेकिन इस संबध में आरोपी के सत्यन माधवन के विद्वान अधिवक्ता ने अ.सा.77 राकेश भट्ट के प्रतिपरीक्षण में भी कोई प्रश्न नहीं पूछा है। यदि प्रश्न पूछा जाता तो निश्चित रूप से अ.सा.77 राकेश भट्ट कोई न कोई स्पष्टीकरण देते या विलंब से जप्त करने का कारण बताते । तब यह न्यायालय उक्त विलंब के स्पष्टीकरण की विवेचना करता। लेकिन ऐसे किसी प्रश्न के अभाव में इस विलंब का कोई लाभ आरोपी सत्यन माधवन को नहीं दिया जा सकता है।



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