- महिलाएं दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-125 के तहत अपने पति से भरण-पोशण प्राप्त करने की हकदार है।
- भरण-पोषण के लिए महिला सक्षम न्यायालय में साधारण आवेदन देकर अपनी पति के विरूद्ध भरण-पोशण की मांग कर सकती है।
- न्यायालय की यह जिम्मेदारी है कि वह भरण-पोषण संबंधी आवेदन को जल्द से जल्द तय करे। भरण-पोषण से संबंधित आवेदन को तय करते समय न्यायालय साधारण जांच करेगी न कि कानूनी दांव-पेंच में पड़ेगी। इस प्रकार के आवेदन का फैसला जल्द से जल्द किया जाएगा। न्यायालय जो भी उचित समझे, उतना भरण-पोषण देने का आदेश पारित कर सकता है।
- न्यायालय भरण-पोषण के आवेदन के तय होने के बीच में अंतरिम भरण-पोषण देने का आदेश पारित कर सकता है।
- भरण-पोषण को तय करते समय पति के वेतन, आर्थिक स्थिति तथा पत्नी के रहन-सहन के खर्चों को नजर में रखकर दिया जाएगा।
निम्नलिखित दशाओं में महिलाओं को भरण-पोषण नहीं दिया जाएगा -
1- जो जारता (महिला का किसी अन्य व्यक्ति के साथ रहना) की दशा में रह रही हो।
2- जो अपनी मर्जी से, बिना किसी उचित कारण के पति से अलग रह रही हो।
3- जिसने दोबारा शादी कर ली हो।
4- पारस्परिक सहमति से अगर दोनों अलग-अलग रह रहें हो।
- यह अधिकार दण्ड न्यायालय या फिर सिविल विधि के अंतर्गत सिविल न्यायालय से लागू कराया जा सकता है।
- हिन्दू महिलाएं, धारा-24 हिंदू विवाह अधिनियम में भरण-पोषण प्राप्त कर सकती हैं या तलाक में मुकदमें के दौरान महिला इस अधिनियम के तहत भरण-पोषण प्राप्त कर सकती है।
- धारा-25 हिंदू विवाह अधिनियम के अंतर्गत तलाक होने पर कोई भी महिला स्थायी भरण-पोषण प्राप्त करने के लिए न्यायालय में आवेदन पत्र प्रस्तुत कर सकती है।
- मुस्लिम विवाहित महिला के भरण-पोषण की अवधि इद्दत तक सीमित रखी गई है। इद्दत का अर्थ यह सुनिश्चित करना है कि पत्नी गर्भवती तो नहीं है, अगर वह गर्भवती है तो भरण-पोषण बच्चे के पैदा होने तक मिलता है।
- मुस्लिम तलाकशुदा महिला भरण-पोषण के लिए अपने मां-बाप, बच्चे या फिर रिश्तेदार जो उसके जायदाद के वारिस होंगे, वक्फ बोर्ड से भरण-पोषण की मांग कर सकती है।
- मुस्लिम महिला, धारा-125 दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत भरण-पोषण का लाभ तभी उठा सकती है, जब वह अपने निकाहनामें में यह लिखे कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-125 के अंतर्गत अर्जी देने से तलाकशुदा औरत अपने शौहर से भरण-पोषण ले सकती है। इससे महिला को भरण-पोषण अन्य महिलाओं की तरह असीमित अवधि तक अपने पति से मिल सकता है।
भरण-पोषण प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र कहां प्रस्तुत करें ?
- भरण-पोषण प्राप्त करने हेतु कोई भी महिला एक साधारण प्रार्थना पत्र जिले के सक्षम मजिस्ट्रेट के न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर अपने पति से भरण-पोषण की मांग कर सकती है, जिस जिले में वह निवास करती है।
- भरण-पोषण प्राप्त करने के लिए कोई भी विवाहित महिला उस जिले के न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय के समक्ष भी प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर सकती है, जिस जिले में उसका पति निवास करता हो।
- भरण-पोषण के लिए उस स्थान पर भी प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर सकता है, जिस स्थान पर दोनों पति-पत्नी अंतिम बार एक साथ रहे हों।
साभार - छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण
CHHATTISGARH STATE LEGAL SERVICES AUTHORITY
पति यदि अपनी पत्नी को गुजरा भत्ता नही देता है तो पत्नी अपने पति के विभाग में आवेदन कर सकते हैं समन्दित विभागाध्यक्ष क्या कार्यवाही कर सकते हैं जिससे पत्नी को उसके वेतन का आधा भाग मिल सके
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