(2005 का अधिनियम संख्यांक-22)
सूचना का अधिकार देश के प्रत्येक नागरिक को प्राप्त है, कोई भी नागरिक किसी भी लोक निकाय से अपने काम की सूचना प्राप्त कर सकता है, इसके अतिरिक्त सभी लोक निकायों को अपने दैनिक कार्य-कलापों के संबंध में आवश्यक सूचनाओं को पढ़कर लोगों को जानकारी के लिए प्रदर्शित करना भी आवश्यक है।
उद्देश्य -
- पारदर्शी प्रशासन,
- प्रशासन में उत्तरदायित्व के गुणों का विकास,
- पूरे देश में समान अधिनियम, समान प्रक्रिया होने के कारण आम जनता आसानी से लाभ उठा सकेगी,
- सूचना के अधिकार का प्रभावशाली क्रियान्वयन,
- लोक प्राधिकरणों में ’’जवाबदेही’’ का निर्धारण
उपयोग कहां-कहां ?
1. अधिकार के तहत आप निर्माण कार्यों का निरीक्षण कर सकते हैं।
2. लोक अधिकारी के पास मौजूद दस्तावेज और अभिलेखों का निरीक्षण कर सकते हैं।
3. दस्तावेज या अभिलेखों की टिप्पणी, उद्वरण या प्रमाणित प्रतिलिपि प्राप्त कर सकते हैं।
4. विकास कार्यों या योजनाओं में लगाई जा रही सामग्री के प्रमाणित नमूने की जानकारी ले सकते हैं।
5. डिस्केट, फ्लापी, टेप, विडियो कैसेट के रूप में या किसी अन्य इलेक्ट्रनिक रूप से भंडारित की गई संसूचनाओं को प्राप्त कर सकते हैं।
जी हां- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत जानकारी प्राप्त करना आम जनता का अधिकार है।
सूचना किससे मांगी जा सकती है ?
सूचना के अधिकार के तहत लोक प्राधिकरण उन निकायों को कहा जाएगा, जो कानून के तहत स्थापित हुए हैं, जिनके कानून को संसद या विधानमंडल द्वारा बनाया गया हो। इनमें वे निकाय भी शामिल हैं, जिन्हें सरकारी अनुदान प्राप्त हो या ऐसे निकाय जिनका स्वामित्व या नियंत्रण केंद्र या राज्य सरकार द्वारा किया जाता है।
आवेदन किसे कहां देना होगा ?
सूचना प्राप्ति हेतु इच्छुक व्यक्ति लिखित में (हिंदी/अंग्रेजी में) आवेदन विभाग के जन सूचना अधिकारी/सहायक जन सूचना अधिकारी को आवेदन शुल्क 10/- रू. नगद/चालान (जो मुख्यशीर्ष-0070-उपमुख्य शीर्ष 800-अन्य प्राप्तियों में जो लोक प्राधिकारी के नाम देय हो) पोस्टल आर्डर, मनीआर्डर, ज्युडिशियल स्टाम्प के रूप में देय होगा, के साथ स्वतः या डाक द्वारा अथवा इलेक्ट्रानिक माध्यम से प्रस्तुत करेगा। आवेदन प्राप्ति के 30 दिवस के अंदर चाही गई सूचना न मिलने पर अपीलीय अधिकारी के पास आवेदन कर सकता है। प्रथम अपीलीय अधिकारी के निर्णय से संतुष्ट न होने पर द्वितीय अपील 90 दिन के अंदर राज्य सूचना आयोग (मुख्यालय रायपुर) में कर सकता है।
आवश्यक शुल्क, जिनके बिना जानकारी नहीं प्राप्त होगी -
1. आवेदन के साथ 10/- रू. (नगद या चालान से) समुचित रसीद या नान ज्यूडिशियल स्टाम्प या मनीआर्डर।
2. तैयार या प्रतिलिपि किए गए प्रत्येक (ए-3,ए-4 आकार) कागज के लिए दो रूपये प्रति प्रति पृष्ठ या समुचित रसीद या नान ज्यूडिशियल स्टाम्प या मनीआर्डर।
3. संग्रहित जानकारी 100/- रू. प्रतिपेज।
4. बड़े आकार के कागज पर प्रति का वास्तविक या लागत मूल्य।
5. सी.डी. या फ्लापी में सूचना उपलब्ध कराने के लिए पचास रूपये प्रति सी.डी. या फ्लापी।
6. नमूना अथवा मॉडल के लिए वास्तविक या लागत मूल्य।
7. मुद्रित कार्य में सूचना के लिए प्रकाशन की नियत कीमत।
8. अभिलेखों के निरीक्षण के लिए पहले घंटे का 50/- रूपये और उसके पश्चात् प्रत्येक 15 मिनट या उसके भाग के लिए 25/- रू. का शुल्क।
(टीप:- अधिनियम के तहत गरीबी रेखा के नीचे के व्यक्ति से कोई भी फीस नहीं ली जावेगी।)
दंड का प्रावधान
यदि लोक सूचना अधिकारी द्वारा यह किया जावे जैसे:-
1. आवेदन लेने से इंकार करना।
2. समय सीमा के अंदर सूचना न देना।
3. असद्भावपूर्वक सूचना देने का इंकार करना।
4. गलत अपूर्ण या गुमराह करने वाली सूचना जान-बूझकर देना, मांगी गई सूचना को नष्ट करना।
5. किसी अन्य तरीके से सूचना देने में बाधा डालना।
तब सूचना सूचना आयोग ऐसी परिस्थिति उत्पन्न होने पर लोक सूचना अधिकारियों पर रू. 250/- प्रतिदिन से लेकर अधिकतम रू. 25000/- तक दंड का आदेश दे सकता है।
आवेदन कैसे किया जा सकता है ?
- आवेदक को सूचना प्राप्त करने के लिए आवेदन लिखित में देना होगा। स्वयं द्वारा या डाक द्वारा या इलेक्ट्रानिक माध्यम द्वारा आवेदन किया जा सकता है।
- आवेदन के साथ सरकार द्वारा निर्धारित शुल्क भी जमा करना होगा, लेकिन गरीबी रेखा से नीचे के आवेदक को कोई शुल्क नहीं देना होगा।
- किसी प्रकार की बातों की सूचना मांगी जा रही है, उन बातों का विवरण देना आवश्यक होगा, लेकिन आवेदक को यह बताना जरूरी होगा कि वह सूचना क्यों मांग रहा है।
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा गरीबी रेखा से नीचे व्यक्तियों द्वारा चाही गई जानकारी संबंधी निर्देश -
- आवेदक द्वारा मांगी गई जानकारी यदि उसके जीवन से संबंधित है, तो वह जानकारी इस प्रारूप में उपलब्ध करायी जाएगी, जिसमें वह मांगी गई है।
- चाही गई जानकारी यदि स्वयं से संबंधित नहीं है, परंतु यदि जानकारी 50 छायाप्रति पृष्ठों (ए-4 साइज के) या तैयार करने में रूपये 100/- (रूपये एक सौ केवल) के खर्चे में दी जा सकती है।
- यदि मांगी गई जानकारी 50 छायाप्रति, पृष्ठों से अधिक की है या रूपये 100/- से अधिक खर्च का है तो उक्त धारा 7 (9) के अधीन कारण अभिलिखित कर आवेदक को कार्यालय में अभिलेखों नस्तियों के अवलोकन करने का निवेदन किया जाएगा।
लोक प्राधिकरण की बाध्यताएं:-
- नागरिकों की सूचना तक पहुंच सुलभ बनाने के लिए अभिलेखों के रखरखाव में सुधार कर उन्हें सूचीबद्ध और यथा योग्य कंप्यूटरीकृत करना होगा।
- प्रत्येक लोक प्राधिकरण को इन बिंदुओं पर तुरंत सूचना की स्वयं घोषणा करनी होगी।
- अपने विभाग की विशेषताएं, कर्तव्य और कार्य,
- अपने अधिकारियों और कर्मचारियों की शक्तियों और कर्तव्य,
- निर्णय लेने की प्रक्रिया, पर्यवेक्षण और उत्तरदायित्व निश्चित करने के लिए की जाने वाली प्रक्रिया,
- अपने कर्तव्यों के पालन के लिए स्वयं द्वारा स्थापित मापदंड.
- अपने अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा अपने कर्तव्यों के निर्वहन के लिए उपयोग किए गए जाने वाले नियम, विनियम, अनुदेश, निर्देशिका अन्य अभिलेख.
- विभागीय नियंत्रण से उपलब्ध सभी अभिलेखों का विवरण.
- नीतियों की संरचना और कार्यान्वयन के संबंध में जनता से परामर्श करने के लिए बनायी गई व्यवस्था का विवरण.
- अपने अधिकारी तथा कर्मचारियों की डायरेक्टरी, उनके मासिक वेतन और अपने विनियमों के मुताबिक दिए जाने वाले पारिश्रमिक का विवरण.
- अपने कामकाज से संबंधित दो से अधिक सदस्यों वाली सलाहकार बोर्ड, समितियों और परिषदों के बारे में विवरण तथा यह बताना होगा कि क्या उनकी बैठकें जनता के लिए खुली होंगी और क्या उनकी सभा के मिनिट्स तक जनता की पहुंच होगी.
- सभी योजनाएं, प्रस्तावित खर्च और किए गए विवरण तथा निधियों की आबंटन की रिपोर्ट,
- सबसिडी कार्यक्रमों के निष्पादन की रीति जिसमें हितग्राहियों के नाम और आबंटित राशि के बारे में विवरण शामिल है.
- अपने द्वारा दी गई रियायतों, परमिट या प्राधिकारों को पाने वाले व्यक्तियों के नाम.
- अपने पास इलेक्ट्रानिक रूप में उपलब्ध सूचना का ब्यौरा.
- अपने लोक सूचना अधिकारियों के नाम, पद आदि का विवरण.
- ऐसी अन्य सूचना जो विहित की जाए.
सूचना मिलने की समय सीमा
लोक सुचना अधिकारी से मांगे जाने पर -
या तो 30 दिन के भीतर या आवेदन निरस्त कर देगा सूचना प्रदान कर देगा, यदि किसी व्यक्ति का आवेदन निरस्त किया जान या स्वतंत्रता से संबंधित जाता है, तब सूचना अधिकारी कर्तव्य होगा कि वह 48 घंटों के अंदर सूचना उपलब्ध कराना होगा.
सूचना अधिकारी का यह कर्तव्य होगा कि वह आवेदन निरस्त:निस्तारण हो जाने के बाद, आवेदकों को सूचित करे एवं स्पष्ट सीमा भी बताएं जिसके भीतर अपील की अपील कहां की जाएगी।
- प्रथम अपीलीय अधिकारी को अपील हेतु समय सीमा 30 दिन
- राज्य सूचना आयोग के समक्ष द्वितीय अपील हेतु समय सीमा 90 दिन.
आवेदन निरस्त करने के कारण बताने होंगे
लोक प्राधिकारी द्वारा आवेदक का आवेदन निरस्त किये जाने पर कारण सहित 30 दिनों के भीतर इस सम्बध में आवेदक को सूचित किया जाना आवश्यक है। साथ ही लोक प्राधिकारी अपील के सम्बद्ध में कहां अपील होगी तथा उसकी समय सीमा की जानकारी आवश्यक रूप से आवेदक को बताएगा।
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