Saturday, 29 October 2016

निःशुल्क कानूनी सहायता सलाह

 

न्याय सबके लिए है, न्याय पाने का सभी को समान अधिकार है। यदि आप अपना प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत करना चाहते हैं, या आपका कोई प्रकरण न्यायालय में लम्बित है? तो आपकी गरीबी आपको न्याय दिलाने में रूकावट नहीं होगी, अब आपके प्रकरणों में तहसील स्तरीय न्यायालय से उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय तक न्याय दिलाये जाने हेतु विधिक सेवा समितियां, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण व उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय विधिक सेवा समितियां कार्य कर रहे है।
कौन कौन व्यक्ति विधिक सेवा/विधिक सलाह पाने का हकदार है:-
1. वह व्यक्ति जो अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति का सदस्य है।
2. वह व्यक्ति जो मानव दुर्व्यवहारों से या बेगारों से सताया गया है।
3. स्त्री या बालक है।
4. मानसिक रूप से अस्वस्थ या अन्यथा असमर्थ है।
5. वह व्यक्ति जो अनापेक्षित अभाव जैसे बहु-विनाश, जातीय हिंसा, अत्याचार, बाढ़-सूखा, औद्योगिक विनाश की दशाओं के अधीन सताया हुआ है, या 
6. कोई औद्योगिक कर्मकार या,
7. अभिरक्षा में है जिसके अंतर्गत अनैतिक व्यापार (निवारण) अधिनियम 1956 के अंतर्गत किसी संरक्षण गृह में या किशोर मनश्चिकित्सीय अस्पताल परिचर्या गृह में रखा गया व्यक्ति भी है, या
यदि मामला उच्चतम न्यायालय से भिन्न किसी अन्य न्यायालय के समक्ष है भारत का कोई नागरिक जिसकी समस्त स्रोतों से वार्षिक आय 1,00,000/- रूपये (अंकन एक लाख) से अधिक न हो विधिक सेवा पाने का हकदार होगा।
विधिक सेवा एवं सलाह किन-किन रूपों में प्राप्त की जा सकेगी:-
1. कोर्ट फीस, आदेशिका फीस, साक्षियों तथा पेपर बुक के व्यय, वकील फीस और कानूनी कार्यवाही के संबंध में देय समस्त खर्च, कानूनी कार्यवाहियों में वकील उपलब्ध कराना।
2. कानूनी कार्यवाहियों में निर्णय आदेशों, साक्ष्य की टिप्पणियों तथा अन्य दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतिलिपियां उपलब्ध कराना।
3. कानूनी कार्यवाहियों में पेपर बुक तैयार करना, जिसमें दस्तावेजों, मुद्रण-टंकण तथा अनुवाद के खर्च सम्मिलित है।
4. कानूनी दस्तावेजों का प्रारूपण कराना।
5. किसी मामले में कानूनी सलाह देना।
विधिक सहायता किन अदालतों में प्राप्त की जा सकती है:-
विधिक सहायता जिले तथा तहसील में स्थित दीवानी, फौजदारी, राजस्व सहित सभी न्यायालय, उच्च न्यायालय, राजस्व मंडल एवं सर्वोच्च न्यायालय हेतु प्राप्त की जा सकती है।
विधिक सेवा के लिए आवेदन कैसे करें:-
1. विधिक सहायता के लिए आवेदन पत्र जिले में सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण या
जिला विधिक सहायता अधिकारी को।
2. तहसील में स्थित व्यवहार न्यायालय में पदस्थ वरिष्ठ न्यायाधीश को।
3. उच्च न्यायालय के लिए सचिव, उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति को।
4. सुप्रीम कोर्ट के लिए सचिव सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विसेस कमेटी नई दिल्ली को।
5. आवेदन प्त्र संबंधित न्यायालय के न्यायाधीश को भी दिये जा सकते हैं।
मजिस्ट्रेट न्यायालय में विधिक सहायता अधिवक्ता:-
प्रतिनिधित्व विहीन व्यक्तियों को अभिरक्षा अवधि में न्यायालय में सम्मानजनक पैरवी सुनिश्चित करने एवं सुरक्षा प्रदान करने के लिए रिमाण्ड का विरोध करने, जमानत कराने तथा मजिस्ट्रेट न्यायालय में पैरवी कराने हेतु विधिक सहायता अधिवक्ता की नियुक्ति की गयी है ताकि प्रतिनिधित्व विहीन अभिरक्षा में रह रहे व्यक्तियों को समानता के आधार पर न्याय प्राप्त हो सके।
जिला तथा तहसील के न्यायिक तथा कार्यपालिक दंडाधिकारी के न्यायालय हेतु अधिवक्ताओं की नियुक्ति की गयी है। अभिरक्षाधीन व्यक्ति विधिक सहायता अधिवक्ता के माध्यम से पैरवी कराने हेतु आवेदन कर सकते हैं।
विधिक सेवा ऑन लाईन:-
दूरस्थ ग्रामीण एवं वनांचल में रहने वाले विधिक सेवा ऑन लाईन के जरिये विधिक सेवा योजनाओं की जानकारी तथा निःशुल्क विधिक सलाह प्राप्त कर सकते हैं, उसके लिए प्रत्येक जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों में ऑनलाईन टेलीफोन स्थिपित है। साथ ही राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के दूरभाष क्रमांक 07752-410210 में अथवा टोल फ्री नं. 1800 233 2528 में भी संपर्क कर सकते हैं।

5 comments:
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  1. नमस्ते सर, सर मैं सावित्री नामदेव छत्तीसगढ़ में बिलासपुर जिला के पेन्द्ररोड गौरेला से हूँ |
    सर मेरा परिवार ४० सालो से एक घर पर रहा रहा है , पिछले १० सालो से एक व्यक्ति उस घर पर अपना अधिकार बताकर उसे खाली करवाने की कोशिश कर रहा है डरा कर ,धमका कर, मार पीट कर |
    उस मकान का खसरा न. से पता चला की वह मकान के भू-राजस्व स्वामी में शाशकीय भूमि लिखा हुआ है |
    तो हमे क्या करना चाहिए क्या वह मकान खाली कर देना चाहिए क्युकी हमारे पास उस घर के कोई दस्तवेज नही है सिवाय वोटर id और स्मार्ट कार्ड , और राशन कार्ड के |
    कृपया हमारी मदद कीजिये | क्युकी हमे न्यायालय सम्बन्धित किसी भी प्रक्रिया की जानकारी नही है |
    धन्य वाद!!

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  2. मैंने फरबरी 2017 में ऑक्सीजन इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड से माइक्रो एटीएम बेचने की डिस्ट्रीब्यूटरशिप ली थी पर उनकी सेवाओं से संतुष्ट ना होकर मैंने जुलाई 2017 में सारी औपचारिकताओं के साथ त्याग पत्र देदिया था पर तबसे अब तक 11 माह हो गए पर बे सिक्योरिटी मनी 25000 और अन्य 6000 रुपये नहीं लौटा रहें हैं और ईमेल पर कह देते हैं जल्द से जल्द देदेगें । कृपया बताएं क्या करें । मै बहुत परेशान हूँ।

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    1. आप उनको एक विधिक नोटिस जारी कर सकते हो और अपना पैसा ब्याज सहित वापस पा सकते हो Alok mishra Advocate pratapgarh up 7388665708

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  3. नमस्कार सर मेरी समस्या का समाधान करे पैतृक मकान जो कि मेरी स्वर्गवाषि दादी माँ के नाम पर है उसमें 4 भाई मौखिक बटवारे कर चुके है मेरे पापा को जो हिस्सा मिला है उसमें मकान का पीछे के हिस्से को पापा ने छोटे भाई को उपयोग के लिए बिना कोई लिखा पढ़ी के उपयोग के लिए दिया था तथा जब उसे हिस्सा छोड़ने को कहेंगे कब्जा पापा को पुनः देने का वादा भाई ने किया था मकान का आगे का भाग आज भी पापा के पास कब्जे में है लेकिन पिछले हिस्से पर भाई ने कब्जा कर लिया है वह लोटा नही रहै क्या करे धन्यवाद

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  4. Mere papa government sarvice me the 1999 me un par gwan case laga rs. 400000 lakh ka saspait kar Diya 50 parsant vetan Mila uske badh 2006 me seva se barkhast kar Diya mere pita ne apne jevan kaal me seva me liye jane ka vebhag par case dayar kiya case Chal rha tha lakin 2010 me death ho Gai or case Meri maa or hum teen Bhai ne nomni bankar Lada fir 2013 me case final hua or aadesh Kiya gya Ki 02 month ke andar samast hit labh pirdaan kare iska vibhag ne palan nhi Kiya or apeel Ki tirbunal Bhopal me bha unki apeel kharij Ki gai hum ne fir apna avedan Diya hamari anukampa nukti or death claim ariyar girejuti ka bhugtan kare Lakin vibhag ne fir apeel Jabalpur high court gye vha se bhi high court se nivedan kar case bapis le Liya gya Ki hum case or nichle court me chalana chahte hi fir vibhag ne Bhopal rajistar ke yaha case lagaya vha se bhi chetavni dete hue kharij Kiya gya ) 2017 me 1,latter Diya aap apna anukampa nukti foram bhare mene bhara or vibhag me jama Kiya gya? Fir meri taraf se High court Gwalior me writ wp 27/2019 anukampa niukti ke liye lagai wo painding hi
    Muje Anukampa niukti ka high court Kiya nirnay lega pta nhi AAP batay sir me Kiya karu mene or mere pita ne pure 20 years case ko ho gye koi vibhag itna patar Dil hota hi

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महत्वपूर्ण सूचना- इस ब्लॉग में उपलब्ध जिला न्यायालयों के न्याय निर्णय https://services.ecourts.gov.in से ली गई है। पीडीएफ रूप में उपलब्ध निर्णयों को रूपांतरित कर टेक्स्ट डेटा बनाने में पूरी सावधानी बरती गई है, फिर भी ब्लॉग मॉडरेटर पाठकों से यह अनुरोध करता है कि इस ब्लॉग में प्रकाशित न्याय निर्णयों की मूल प्रति को ही संदर्भ के रूप में स्वीकार करें। यहां उपलब्ध समस्त सामग्री बहुजन हिताय के उद्देश्य से ज्ञान के प्रसार हेतु प्रकाशित किया गया है जिसका कोई व्यावसायिक उद्देश्य नहीं है।
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