Saturday, 29 October 2016
लोक अदालत
लोगों को शीघ्र एवं सस्ता न्याय सुलभ कराने हेतु लोक अदालतों का आयोजन तहसील, जिला तथा उच्च न्यायालय में किया जाता है। लोक अदालत में आपसी समझाईस एवं सुलह के आधार पर सौहाद्र पूर्वक वार्ता कर प्रकरणों का निराकरण किया जाता है। लोक अदालतों में दीवानी, फौजदारी (समझौता योग्य) राजस्व, श्रम तथा अन्य न्यायालयीन प्रकरणों के निराकरण हेतु संबंधित न्यायालय में आवेदन दिया जा सकता है। निराकृत प्रकरणों की अपील नहीं की जा सकती है। निराकृत प्रकरणों पर पूर्व में लगाया गया न्याय शुल्क की संपूर्ण राशि वापस की जाती है। ऐसे प्रकरण जो न्यायालय में पेश नहीं हुए हैं, प्री-लिटिगेशन को भी लोक अदालत में निराकरण हेतु विधिवत् तैयार कर बिना न्याय शुल्क के पेश किया जा सकता है। लोक अदालत का अधिनिर्णय सिविल न्यायालय की डिक्री के समतुल्य है तथा उसी प्रकार निष्पादित किया जा सकता है। प्रत्येक माह जिला तथा तहसील न्यायालयों में एक स्थायी एवं निरंतर लोक अदालतों की बैठक तथा प्रत्येक दूसरे माह एक वृहद लोक अदालत का आयोजन किया जाता है। साथ ही राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशानुसार नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाता है।
न्यायालय में विचारधीन मामलों को लोक अदालत के माध्यम से निराकृत कराने हेतु सम्बधित न्यायालय के पीठासीन अधिकारी को आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। प्री-लिटिगेशन मामले को लोक अदालत के माध्यम से निराकृत कराने हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव को आवेदन प्रस्तुत किया जा सकता है।
प्री-लिटिगेशन मामले पर न्याय शुल्क से छूट प्रदान की गई है तथा न्यायालय के विचाराधीन मामले जिनका निराकरण लोक अदालत के माध्यम से होता है उनमें पूर्व से अदा की गई न्याय शुल्क वादी को वापस कर दिया जाता है।
पेंशन लोक अदालत
सेवानिवृत्त शासकीय/अर्द्धशासकीय सेवकों को सेवानिवृत्ति के पश्चात् मिलने वाली परिलब्धियों के निराकरण हेतु बिलासपुर, रायपुर तथा दुर्ग में पेंशन लोक अदालत का गठन किया गया है। माह के दूसरे, तीसरे एवं चौथे रविवार को जिला न्यायालय में इसकी बैठक निर्धारित की गई है। आवेदन संबंधित क्षेत्रानुसार सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को पूर्ण जानकारी सहित बिना किसी शुल्क के अपने तथा नियोक्ता के पूरे नाम व पते के साथ प्रेषित की जा सकती है।
स्थायी लोक अदालत जनोपयोगी सेवाऐं
छ.ग. राज्य के अंतर्गत आम नागरिकों के लिए स्थायी लोक अदालत जनोपयोगी सेवाऐं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, जगदलपुर एवं अम्बिकापुर में स्थापित की गई है। इनका जिलेवार क्षेत्राधिकार निम्नानुसार है
1. रायपुर - रायपुर, बलौदा-बाजार, महासमंुद एवं धमतरी सिविल जिले।
2. बिलासपुर - बिलासपुर, कोरबा, जांजगीर-चांपा एवं रायगढ़ सिविल जिले;
3. दुर्ग - दुर्ग, राजनांदगॉव, बालोद, बेमेतरा एवं कबीरधाम सिविल जिले।
4. जगदलपुर - बस्तर (जगदलपुर), उत्तर बस्तर (कांकेर), कोंण्डागॉव एवं दक्षिण बस्तर (दंतेवाड़ा) सिविल जिले।
5. अम्बिकापुर - सरगुजा (अम्बिकापुर), कोरिया, जशपुर एवं सुरजपुर सिविल जिले।
उपरोक्त प्रत्येक जनोपयोगीय लोक अदालत में एक न्यायिक अधिकारी (उच्चतर न्यायिक सेवा से) अध्यक्ष के रूप में तथा दो सदस्य नियुक्त किये गये है।
उक्त जनोपयोगीय स्थायी लोक अदालत के समक्ष बिना कोई शुल्क या फीस अदा किए कोई भी नागरिक निम्न सेवाओं से संबंधित अव्यवस्था, असुविधा, अनियमितता, असावधानी या सेवा में कमी को दूर कर उसे व्यवस्थित एवं ठीक कराने के साथ-साथ पीड़ित पक्षकार आवश्यक व उचित क्षतिपूर्ति भी प्राप्त करने हेतु आवेदनपत्र पूर्ण विवरण सहित कर सकता है।
जनोपयोगी स्थायी लोक अदालत में निम्न लोक उपयोगी सेवा के विषयों पर आवेदन किया जा सकता है-
01. परिवहन की सेवा जिसमें यात्री वाहन, सामग्री ढोने वाली वाहन के साथ-साथ वायु सेवा व जलयान सेवा भी शामिल है,
02. डाक तार या दूरभाष की सेवा संबंधी,
03. किसी संस्थापन (अधिष्ठान) के द्वारा जनता को शक्तिप्रकाश (लाईट) अथवा जल की आपूर्ति की जाती है उससे संबंधित शिकायत संबंधी आवेदन दे सकते हैं,
04. सार्वजनिक सफाई अथवा स्वच्छता की प्रणाली की शिकायत,
05. औषधालय या चिकित्सालय में सेवा की शिकायत,
06. बीमा सेवा (तृतीय पक्षकार के मामलों को छोड़कर)।
उपरोक्त संबंध में किसी भी प्रकार की शिकायत का आवेदन स्थायी लोक अदालत में देकर शीघ्रातिशीघ्र उस समस्या का उपचार कराया जा सकता है। संबंधित स्थायी लोक अदालत को जिम्मेदारी दी गई है कि वे संबंधित समस्या का तत्काल अर्थात अविलंब निराकरण करे।
नागरिकों को उपरोक्त सेवा का लाभ लेते हुए अविलम्ब आवश्यक सुधार करवाने की ओर कदम बढ़ाकर नगर को स्वच्छ सुन्दर और खुशहाल बनाना चाहिए।
लीगल एड क्लीनिक
जिस प्रकार बीमारियों के उपचार हेतु क्लीनिक की स्थापना की जाती है, इसी प्रकार कानूनी समस्याओं के निवारण/समाधान हेतु पैरालीगल एड क्लीनिक की स्थापना की जाती है।
इसके अंतर्गत विधि के प्राध्यापक, छात्र तथा अधिवक्ता अपनी सेवाएं देते हैं तथा पीड़ित व्यक्ति को निःशुल्क कानूनी सलाह आवश्यकता पड़ने पर विधिक सहायता उपलब्ध कराने का मार्ग प्रशस्त करते हैं। प्रत्येक लीगल एड क्लीनिक में दो प्रशिक्षित पैरालीगल वालांटियर्स की नियुक्ति की गई है जो निर्धारित कार्य दिवस में जरूरतमंद लोगो की सहायता/मदद के लिए कार्यालीन समय में उपलब्ध रहते है।
About Media4U
Sanjeev Tiwari, Advocate. Chambers of Om Sai Associates (Advocates and Legal Consultants) December 2004 – Present (12 years) Handling Cases and advise clients on all the legal matters. Attended District Court Proceedings. Worked on several matters related to Property Laws, Revenue Laws, Civil Laws, Companies Law, Contract Law and Acquisitions laws. Specifically studied and prepared briefs on Property Laws, Acquisitions law and matters. Learned drafting plaint and legal notices, Drafted reply of various legal matters and also attended various personal hearing. Investigation of Titles, Searches, Title clearance reports, Property Registration, Diversion of land use and Documentation etc.
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