Monday, 26 September 2016

महिलाओं के कानूनी अधिकार - 3

 

गिरफ्तारी:-
  • पुलिस अधिकारी द्वारा किसी व्यक्ति को अपनी हिरासत में लेना गिरफ्तारी कहलाता हैः-
  • गिरफ्तारी के समय पुलिस को बताना होगा कि आपको क्यों गिरफ्तार किया जा रहा है।
  • सिर्फ यह कहना आवश्यक नहीं कि आपके खिलाफ शिकायत प्राप्त हुई, पुलिस को आपका जुर्म भी बताना आवश्यक है।
  • गिरफ्तारी के समय जोर जबरदस्ती करना गैर कानूनी है।
  • थाने ले जाने के लिये किसी को हथकड़ी नही लगायी जा सकती।
  • कुछ अपराधों में आपको बिना वारंट भी गिरफ्तार किया जा सकता है।
  • वकील से कानूनी सलाह ले सकते हैं।
  • आपकी सुरक्षा के लिये आपके पहचान वालों या रिश्तेदारों को आपके साथ पुलिस वाले के साथ जाने का हक है।
  • गिरफ्तारी के बाद तुरंत पुलिस को मजिस्ट्रेट को गिरफ्तारी की रिपोर्ट देनी होगी।
  • गिरफ्तार व्यक्ति को 24 घंटे के अंदर-अंदर मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश करना जरूरी है।
  • बिना मजिस्ट्रेट के आदेश के 24 घंटे से ज्यादा हिरासत में लेना गैर कानूनी है।

थाने में:-
  • पुलिस हिरासत में सताना, मारपीट करना या किसी अन्य तरह से यातना देना एक गंभीर अपराध है।
  • महिलाओं को केवल महिलाओं के कमरे में ही रखा जावेगा।

जमानत:-
  • पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के बाद:-
  • मामले के सुनवाई होने के दौरान हिरासत में लिये गये व्यक्ति को कुछ बातों के लिये मुचलका लेकर हिरासत से छोड़ा जा सकता है, इसे जमानत कहते हैं।
  • अपराध दो प्रकार के होते हैं- जमानतीय और गैर जमानती। जमानती अपराध में गिरफ्तार किये गये व्यक्ति को जमानत पर छोड़ने का अधिकार पुलिस को होता है जबकि गैर जमानती में मजिस्ट्रेट को।
  • गिरफ्तार करते समय पुलिस को यह बताना होगा कि अपराध जमानती है या गैर जमानती।
  • जमानत के समय कोई पैसे नहीं दिये जाते। केवल जमानत प्रपत्र पर रकम लिख दी जाती है, जिसे मुचलका जमानतनामा कहा जाता है।
  • जमानती जुर्म में जमानत होने पर पुलिस को आपको तुरंत छोड़ना पड़ेगा।

पूछताछ:-
  • किसी अपराध के किये जाने की सूचना पर या उसकी आशंका होने पर पुलिस को यदि-
  • किसी को पूछताछ के लिये बुलाना हो, तो जॉंच करने वाले पुलिस अफसर को लिखित आदेश देने होंगे। 15 साल से कम उम्र के और किसी महिला को पुलिस पूछताछ के लिये थाने नहीं बुला सकती।

तलाशीः-
  • सिर्फ एक महिला पुलिस अफसर ही महिला के शरीर की तलाशी ले सकती है।
  • पुरूष पुलिस अधिकारी आपके मकान या दुकान की तलाशी ले सकते हैं।
  • तलाशी के लिये हमेशा किसी वारंट की जरूरत नही होती।
  • तलाशी होने से पहले तलाशी लेने वाले की भी तलाशी ली जा सकती है।
  • किसी भी तलाशी या बरामदी के वक्त आसपास रहने वाले किन्हीं दो निष्पक्ष और प्रतिष्ठित व्यक्ति का होना जरूरी है।
  • तलाशी का एक पंचनामा बनाना जरूरी है।

कोर्ट मेंः-
  • आपको वकील की सहायता लेने का अधिकार है।
  • गरीब होने पर आपको मुफ्त कानूनी सलाह मिलने का हक है।
  • अपराधों की रिपोर्टः-
  •  रिपोर्ट का मतलब है कि आप पुलिस को जाकर बतायें कि कोई अपराध किया गया है। इसे प्रथम सूचना रिपोर्ट या एफ.आई.आर. कहते हैं। यह रिपोर्ट बहुत महत्वपूर्ण होती है।
  • रिपोर्ट कैसे लिखाई जाती है:-
  • रिपोर्ट मुंह जुबानी या लिखित हो सकती है।
  • मुंह जबानी रिपोर्ट लिखने के बाद पुलिस आपको पढ़कर सुनायेगी ताकि आप पुष्टि कर सकें कि रिपोर्ट सही लिखी गई है।
  • रिपोर्ट की एक प्रति पुलिस से आपको अवश्य ले लेना चाहिए।

साभार - छत्‍तीसगढ़ राज्‍य विधिक सेवा प्राधिकरण 
 CHHATTISGARH STATE LEGAL SERVICES AUTHORITY 
 'सरल कानूनी शिक्षा ' पुस्तिका के अन्‍य आलेख

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