Monday, 12 September 2016

छ.ग.राज्य बनाम मोसु पिता काया व अन्‍य

 

दाण्डिकप्रकरण  क्रमांक -125/2016
CNR NO.- CGDA02-000024-2016

न्यायालयः-श्रीमती प्रतिभा  वर्मा , मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट ,
दंतेवाड़ा , जिला-द.ब.दंतेवाड़ा (छ.ग.)
संस्थित दिनांक-12.05.2016
छ.ग.राज्य,
द्वारा आरक्षी केन्द्र दंतेवाड़ा...................................................................अभियोजन
बनाम
01. मोसु पिता काया, उम्र-45 वर्ष,
02. भैरम पिता पिलू, उम्र-36 वर्ष,
03. मुन्ना पिता पिलू, उम्र-33 वर्ष,
सभी सा.-घोटपाल, थाना-गीदम,
जिला-दंतेवाड़ा(छ.ग.)..........................................................................अभियुक्तगण
................................................................................
-: : निर्णय : :-
(आज दिनांक  17.08.2016 को  घोषित)
01. आरोपीगण के विरूद्ध छ.ग.टोनही प्रताड़ना निवा. अधि. 2005 की धारा 5 के तहत आरोप है कि अभियुक्तगण ने दिनांक 04.04.2016 को समय 06.00 बजे स्थान परपा पारा घोटपाल, अंतर्गत थाना-गीदम में प्रार्थीगण मोहन लेकामी एवं श्रीमती रामबती लेकामी को टोनही के रूप में पहचान कर शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्रताड़ित किया।
02. अभियोजन का मामला संक्षेप में इस प्रकार है कि घटना दिनांक 04.04.2016 को घोटपाल गांव में पंचायत हुआ, जिसमें गांव के सभी लोग तथा प्रार्थी मोहन लेकामी तथा उसकी पत्नी श्रीमती रामबती को भी बैठक में बुलाये थे। गांव का मुन्ना राम, भैरम लेकामी तथा मोसू भी बैठक में उपस्थित थे, तीनों, प्रार्थीगण को बोलने लगे कि तुम झाड़ में देवी कर दिये थे, इसलिये मेहतु राम गिरकर मर गया। मां-बहन की गाली देकर तीनों हाथ-मुक्का लात से प्रार्थी तथा उसके पत्नी को मारपीट किये, जिससे उन्हें चोट लगा है। प्रार्थी द्वारा घटना की रिपोर्ट थाना गीदम में किये जाने पर थाना गीदम द्वारा अप.क्र.-39/16 अंतर्गत धारा 294,323,506(भाग-2)/34 भा.द.सं. का प्रथम सूचना रिपोर्ट प्र.पी.-1 लेखबद्ध किया गया। अन्वेषण प्रारंभ कर घटना स्थल का मौका नक्शा तैयार किया गया। धारा 161 द.प्र.सं. के तहत गवाहों के कथन लेखबद्ध किया गया। अन्वेषण की संपूर्ण कार्यवाही पश्चात धारा 294,323, 506(भाग-2)/34 भा.द.सं. एवं छ.ग.टोनही प्रताड़ना निवा.अधि. 2005 की धारा 5 के तहत अभियोग पत्र विचारण हेतु न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
03. अभियुक्तगण ने अपराध अस्वीकार किया। दिनांक 16.08.16 को प्रार्थीगण मोहन लेकामी, श्रीमती रामबती लेकामी, पोदिया एवं श्रीमती कोपे का अभियुक्तगण से राजीनामा हो जाने से अभियुक्तगण को धारा 294,323, 506 (भाग-2)/34 भा.द.सं. के आरोप से दोषमुक्त किया गया। धारा 5 छ.ग टोनही प्रताड़ना निवा.अधि. 2005 का आरोप राजीनामा योग्य न होने से प्रकरण में विचारण की कार्यवाही जारी रखी गई। 
04. द.प्र.स. की धारा 313 के तहत आरोपीगण का परीक्षण किया गया, उनके द्वारा दिया गया उत्तर उन्हीं के शब्दों में दर्ज किया गया। बचाव में प्रवेश कराने पर अपने आप को निर्दोष एवं झूठा फसाना व्यक्त किया और बचाव साक्ष्य नहीं देना व्यक्त किया, उनका अभिवाक दर्ज किया गया।
05. इसप्रकरण  में निम्न विचारणीय प्रश्‍न हैं -
1. क्या आरोपीगण ने दिनांक 04.04.2016 को समय 06.00 बजे स्थान परपा पारा घोटपाल, अंतर्गत थाना-गीदम में प्रार्थीगण मोहन लेकामी एवं श्रीमती रामबती लेकामी को टोनही के रूप में पहचान कर शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्रताड़ित किया?
प्रश्‍न पर सकारण निष्कर्ष
06. मोहन(अ.सा.-1) का कथन है कि सल्फी झाड़ को लेकर अभियुक्तगण के साथ हमारा बाता-बाती हुआ था, जिसकी रिपोर्ट उसने थाना गीदम में किया है, जो प्र.पी.-1 है। रामबती(अ.सा.-2) का भी कथन है कि सल्फी झाड़ को लेकर अभियुक्तगण के साथ उसका बाता-बाती हुआ था, जिसकी रिपोर्ट उसके पति मोहन ने थाना गीदम में किया था। उसकी कोई डॉक्टरी जांच नहीं हुई थी। पोदिया (अ.सा.-3) का भी कथन है कि हम लोगों का अभियुक्तगण के साथ बाता-बाती हुआ था, उसकी कोई डॉक्टरी जांच नहीं हुआ था। कोपे (अ.सा.-4) का भी कथन है कि प्रार्थीगण एवं अभियुक्तगण के बीच बाता-बाती हुई थी, कोई मारपीट नहीं की गई थी। मोहन (अ.सा.-1), रामबती (अ.सा.-2), पोदिया (अ.सा.-3) एवं कोपे (अ.सा.-4) को अभियोजन द्वारा पक्षद्रोही घोषित कर सूचक प्रश्न पूछे जाने पर इस बात से इंकार किया है कि तीनों अभियुक्तगण ने यह कहा था कि तुम झाड़ में देवी करते हो, इसलिये मेहतु राम गिरकर मर गया है। बल्कि मोहन (अ.सा.-1), रामबती (अ.सा.-2), पोदिया (अ.सा.-3) एवं कोपे (अ.सा.-4) के अनुसार अभियुक्तगण के साथ उन लोगों का बाता-बाती होने के संबंध में कथन किया गया है। अभियोजन की ओर परिक्षित किसी भी साक्षी ने अभियुक्तगण द्वारा प्रार्थी मोहन एवं श्रीमती रामबती लेकामी को टोनही के रूप में पहचान कर शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्रताड़ित किये जाने के संबंध में कोई कथन नहीं किया है। एैसी स्थिति में साक्ष्य से यह प्रमाणित नहीं होता है कि आरोपीगण ने घटना दिनांक 04.04.2016 को समय 06.00 बजे स्थान परपा पारा घोटपाल, अंतर्गत थाना-गीदम में प्रार्थीगण मोहन लेकामी एवं श्रीमती रामबती लेकामी को टोनही के रूप में पहचान कर शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। अतः विचारणीय प्रश्न का निष्कर्ष ‘‘प्रमाणित नहीं’’ के रूप में दिया जाता है।
07. उपरोक्त संपूर्ण साक्ष्य विश्लेषण पश्चात अभियोजन, अभियुक्तगण के विरूद्ध धारा 5 छ.ग.टोनही प्रताड़ना निवा.अधि. 2005 के आरोप को युक्तियुक्त संदेह से परे प्रमाणित करने में असफल रहा है। अतः अभियुक्तगण को धारा 5 छ.ग.टोनही प्रताड़ना निवा.अधि. 2005 के आरोप से दोषमुक्त कर स्वतंत्र किया जाता है।
08. अभियुक्तगण के पूर्व के जमानत मुचलका निरस्त कर भारमुक्त किये जाते हैं। धारा 437-ए द.प.सं. के तहत पूर्व मुचलका अपील न होने की दशा में छः माह बाद भार मुक्त माना जावेगा।
09. प्रकरण में जप्तशुदा संपत्ति कुछ नहीं है।

निर्णय खुले न्यायालय मेरे निर्देशन में टंकित हस्ताक्षरित दिनांकित घोषित
सही/- सही/-
(श्रीमती प्रतिभा वर्मा)
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट
द0ब0दन्तेवाड़ा(छ.ग.)

No comments:
Write comments

महत्वपूर्ण सूचना- इस ब्लॉग में उपलब्ध जिला न्यायालयों के न्याय निर्णय https://services.ecourts.gov.in से ली गई है। पीडीएफ रूप में उपलब्ध निर्णयों को रूपांतरित कर टेक्स्ट डेटा बनाने में पूरी सावधानी बरती गई है, फिर भी ब्लॉग मॉडरेटर पाठकों से यह अनुरोध करता है कि इस ब्लॉग में प्रकाशित न्याय निर्णयों की मूल प्रति को ही संदर्भ के रूप में स्वीकार करें। यहां उपलब्ध समस्त सामग्री बहुजन हिताय के उद्देश्य से ज्ञान के प्रसार हेतु प्रकाशित किया गया है जिसका कोई व्यावसायिक उद्देश्य नहीं है।
इस ब्लॉग की सामग्री का किसी भी कानूनी उद्देश्यों के लिए उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। हमने सामग्री की सटीकता, पूर्णता, उपयोगिता या अन्यथा के संबंध में कोई ज़िम्मेदारी स्वीकार नहीं की है। उपयोगकर्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे इस वेबसाइट पर दी गई जानकारी पर कार्य करने से पहले किसी भी जानकारी को सत्यापित / जांचें और किसी भी उचित पेशेवर से सलाह प्राप्त करें।

Category

03 A Explosive Substances Act 149 IPC 295 (a) IPC 302 IPC 304 IPC 307 IPC 34 IPC 354 (3) IPC 399 IPC. 201 IPC 402 IPC 428 IPC 437 IPC 498 (a) IPC 66 IT Act Aanand Math Abhishek Vaishnav Ajay Sahu Ajeet Kumar Rajbhanu Anticipatory bail Arun Thakur Awdhesh Singh Bail CGPSC Chaman Lal Sinha Civil Appeal D.K.Vaidya Dallirajhara Durg H.K.Tiwari HIGH COURT OF CHHATTISGARH Kauhi Lalit Joshi Mandir Trust Motor accident claim News Patan Rajkumar Rastogi Ravi Sharma Ravindra Singh Ravishankar Singh Sarvarakar SC Shantanu Kumar Deshlahare Shayara Bano Smita Ratnavat Temporary injunction Varsha Dongre VHP अजीत कुमार राजभानू अनिल पिल्लई आदेश-41 नियम-01 आनंद प्रकाश दीक्षित आयुध अधिनियम ऋषि कुमार बर्मन एस.के.फरहान एस.के.शर्मा कु.संघपुष्पा भतपहरी छ.ग.टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम छत्‍तीसगढ़ राज्‍य विधिक सेवा प्राधिकरण जितेन्द्र कुमार जैन डी.एस.राजपूत दंतेवाड़ा दिलीप सुखदेव दुर्ग न्‍यायालय देवा देवांगन नीलम चंद सांखला पंकज कुमार जैन पी. रविन्दर बाबू प्रफुल्ल सोनवानी प्रशान्त बाजपेयी बृजेन्द्र कुमार शास्त्री भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम मुकेश गुप्ता मोटर दुर्घटना दावा राजेश श्रीवास्तव रायपुर रेवा खरे श्री एम.के. खान संतोष वर्मा संतोष शर्मा सत्‍येन्‍द्र कुमार साहू सरल कानूनी शिक्षा सुदर्शन महलवार स्थायी निषेधाज्ञा स्मिता रत्नावत हरे कृष्ण तिवारी