Tuesday, 25 October 2016
बंदियों के वैधानिक कर्तव्य और कारागार अपराध
कारागार में रहने वाले बंदियों का यह वैधानिक कत्रव्य है कि वे कारागार अधिनियम 1894 की धारा 45 सहपठित धारा 52/59 एवं छ.ग. जेल नियमावली नियम 723 एवं 743 के तहत विशेष रूप से उल्लेखित किया गया है, उल्लेखित प्रावधानों का उल्लंघन करने पर बंदी पृथक से दंड के भागी होंगे।
धारा 45 कारागार अधिनियम 1894
धारा-45, कारागार-अपराध - निम्नलिखित कार्य, जब वे किसी बंदी द्वारा किए जाएं, तब कारागार-अपराध घोषित किए जाते हैं:-
(1) कारागार के किसी विनियम की जान-बूझकर ऐसी अवज्ञा, जिसे धारा 59 के अधीन बनाए गए नियमों द्वारा कारागार-अपराध घोशित किया गया हैं।
(2) कोई हमला या आपराधिक बल का प्रयोग।
(3) अपमानजनक या धमकी भरी भाषा का प्रयोग।
(4) अनैतिक या अशिष्ट या अमर्यादित आचरण।
(5) श्रम करने से अपने को जान-बूझकर असमर्थ बना देना।
(6) काम करने से धृष्टतापूर्वक इंकार करना।
(7) हथकड़ियों, बेड़ियों या सलाखों को सम्यक्अधिकार के बिना रेंतना, काटना हेरफेर करना या उन्हें हटाना।
(8) किसी ऐसे बंदी द्वारा जिसे कठिन कारावास का दंड दिया गया है, काम पर जान-बूझकर आलस्य या उपेक्षा करना।
(9) किसी ऐसे बंदी द्वारा जिसे कठिन कारावास का दंड दिया गया है, जान-बूझकर काम का कुप्रबंध करना।
(10) कारागार संपत्ति को जान-बूझकर नुकसान पहुंचाना।
(11) वृत्त-पत्रों, अभिलेखों या दस्तावेजों को बिगाड़ना या विरूपित करना।
(12) कोई प्रतिषिद्ध वस्तु प्राप्त करना, अपने पास रखना या अंतरित करना।
(13) रूग्णता का ढोंग करना।
(14) किसी अधिकारी या बंदी के विरूद्ध जान-बूझकर कोई झूठा आरोप लगाना।
(15) आग लगाने का कुचक्र या षड़यंत्र रचने, भाग निकलने अथवा भाग निकलने के प्रयत्न या तैयारी की तथा किसी बंदी का कारागार पदाधिकारी पर किसी आक्रमण की तैयारी की जैसे ही उसकी जानकारी हो जाए, रिपोर्ट न करना और रिपोर्ट से इंकार करना।
(16) निकल भागने का षड़यंत्र रचना अथवा निकल भागने में सहायता करना अथवा पूर्वोक्त अपराधों से कोई अन्य अपराध करना।
छत्तीसगढ़ जेल नियमावली 723 निम्नलिखित कृत्य कारागार अधिनियम की धारा 45 की उपधारा (1) के अंतर्गत जेल अपराध होंगे -
(1) पंक्ति में एक-दूसरे के पीछे होने के ताला खुले होने के अथवा शौचालन में स्नान गृह में अथवा अन्य परेड के दौरान और अन्य किसी समय पर जब किसी अधिकारी ने आदेशित कर निरूद्ध किया हो, बोलना एवं गाना, जोर से हंसना एवं किसी भी समय जोर से बोलना।
(2) अन्य बंदियों के साथ लड़ाई-झगड़ा करना।
(3) किसी भी प्रकार की वस्तु को छुपाना।
(4) किसी जेल अधिकारी अथवा आगंतुक के प्रति असम्मान प्रदर्शित करना।
(5) आधारहीन शिकायत करना।
(6) किसी जेल के अधिकारी अथवा आगंतुक के प्रश्न का असत्य उत्तर देना।
(7) किसी बाहरी व्यक्ति, दूसरे लिंग के व्यक्ति, दीवानी अथवा विचाराधीन व्यक्ति या अन्य श्रेणी के बंदी के साथ जेल नियमावली का उल्लंघन करते हुए किसी भी प्रकार के विचारों का आदान-प्रदान (लिखित में, मुख से, शब्द द्वारा अथवा अन्यथा) करना।
(8) किसी जेल अपराध को करने के लिए प्रेरित करना।
(9) किसी जेल अपराध की सूचना देने, किसी अधिकारी को जब ऐसा करने के लिए कहा जाए, सहायता देने में चूक करना जो कि जेल अनुशासन के लिए आवश्यक हो।
(10) साथी बंदियों को चोट पहुंचाने और उन्हें हानि पहुंचाने वाला कृत्य करना अथवा ऐसी भाषा का प्रयोग करना।
(11) जेल के बंदियों अथवा अधिकारियों के मन में अनावश्यक शंका पैदा करने वाला कोई कृत्य करना।
(12) बिना जेल के अधिकारी की अनुमति के उस टोली की, जिससे सम्बंध हो, उसे छोड़ना अथवा जेल के जिस भाग में रखा गया हो, उसे छोड़ना।
(13) जेल के अधिकारी की आज्ञा के बिना वार्ड, यार्ड (खुला स्थान) अथवा पंक्ति के स्थान को, बैठने के अथवा शयन को छोड़ना।
(14) यार्ड (खुले स्थान) में धीरे-धीरे चलना (स्वपजमतपदह) विलम्ब से वार्ड में पहुंचना जब वह खुले हों।
(15) पंक्ति में कदम मिलाने में चूक करना अथवा इंकार करना, जब कारागार में चल रहे हों।
(16) शौचालय में जाना अथवा नहाने के प्लेटफार्म पर जाना, वर्णित घंटों के अलावा अथवा जेल के किसी अधिकारी की अनुमति के बिना, और अनावश्यक रूप से रात्रि में शौच निवृत्ति करना अथवा चूक करना या जेल नियमावली में निर्देशित ढंग से सूखी मिट्टी डालने मना करना।
(17) भोजन करने से अथवा जेल पैमाने में निश्चित भोजन खाने से इंकार करना।
(18) ऐसे भोजन की व्यवस्था करना अथवा खाना जो, उसके लिए निर्मित न हो अथवा अन्य बंदियों के लिए निर्मित भाग में से वहां भोजन लेना अथवा जोड़ना।
(19) रसोईघर से अथवा गोदाम से अथवा ऐसे स्थान से जहां भोजन परोसा जाता हो, जेल अधिकारी की आज्ञा के बिना, भोजन हटाना अथवा भोजन जारी करने और वितरित करने के संबंध में जारी किन्हीं आदेशों का उल्लंघन करना।
(20) जान-बूझकर भोजन को नष्ट करना अथवा बिना आदेशों के उसे फेंकना।
(21) भोजन में अथवा पेय पदार्थ में उसे अस्वास्थ्यकर अथवा बेस्वाद बनाने के लिए कोई वस्तु मिलाना।
(22) उसके लिए गये वस्त्रों को पहनने में चूक करना या इंकार करना अथवा अन्य बंदियों के कपड़े पहनने के लिए इनका कोई भाग विनिमय करना अथवा खोना अथवा अनुपयोगी बनाना अथवा खंडित करना अथवा इनके किसी भाग का बदल देना।
(23) किसी व्यक्ति अथवा कपड़ों पर लगे किसी विशेष चिन्ह, संख्या अथवा बैज को हटाना, बदलना अथवा मिटाना।
(24) व्यक्ति को साफ-सुथरा रखने में चूक करना अथवा भूल करना अथवा बालों एव नाखूनों को काटने संबंधी किन्हीं आदेशों की अवमानना करना।
(25) कपड़ों, कम्बल, बिस्तरों, बेडों, ताम्बे के गिलास, कप अथवा प्लेट अथवा छाती का कार्ड अथवा अन्य पहचान टोकन को साफ करने में भूल अथवा चूक करना अथवा ऐसे सामानों के प्रति व्यवस्था करने के लिए जारी किन्हीं आदेशों का उल्लंघन करना।
(26) बल्ब अथवा रोशनियों अथवा अन्य संपत्तियों को जिनसे उसका कोई संबंध हो, छेड़छाड़ कर जेल वस्तु से अलग करना।
(27) जेल वस्त्रों अथवा अन्य किसी बंदी की जेल किट को चुराना।
(28) जेल के किसी भाग में अव्यवस्था पैदा करना।
(29) थूकना अथवा जेल के किसी अन्य फर्श, दरवाजे दीवार अथवा जेल भवन के किसी भाग अथवा जेल के किसी अन्य वस्तु को मैला करना।
(30) जेल के किसी कुएं, शौचालय, धोने के अथवा नहाने के स्थान में बदबू पैदा करना।
(31) जेल के किसी बगीचे में लगे वृक्षों अथवा सब्जियों को हानि पहुंचाना अथवा जेल के पशुओं के साथ दुर्व्यवहार करना।
(32) उसे सौंपी गई जेल संपत्ति की देखभाल करने में भूल अथवा चूक करना।
(33) काम के लिए दी गई वस्तुओं अथवा यंत्रों की आवश्यक देखभाल करने में भूल अथवा चूक करना अथवा उन्हें हानि पहुंचाना अथवा दुरूपयोग करना।
(34) किसी हानि रोग, अथवा चोट आदि जो कि उसने जेल संपत्ति अथवा यंत्र को दुर्घटनावश पहुंचायी हो, की सूचना देने में चूक करना।
(35) जेल अधिकारी के ज्ञान अथवा आज्ञा के बिना किसी वस्तु का निर्माण करना।
(36) किसी अन्य बंदी द्वारा किए गए किसी कार्य के किसी भाग को करना अथवा अपने स्वयं के कार्य के निर्वहन में अन्य किसी बंदी की सहायता लेना।
(37) किसी अन्य बंदी द्वारा किए गए किसी कार्य के किसी भाग का विनिमय करना।
(38) कार्य के लिए जारी किए गए पदार्थों में किसी बाह्य वस्तु को मिलाना अथवा जोड़ना।
(39) स्वयं को बीमार करने वाले, चोट पहुंचाने वाले अथवा अक्षम कार्य करने वाले कार्य करना अथवा चूक करना।
(40) हिंसा अथवा अवमानना के कारण बनाना अथवा उसे दबाने में सहायता करने में चूक करना।
(41) किसी बंदी अथवा जेल के किसी अधिकारी पर हमले में भाग लेना।
(42) किसी जेल के अधिकारी को किसी भागने के प्रयास अथवा ऐसे अधिकारी पर हमले अथवा अन्य किसी बंदी पर हमले के संबंध में सहायता करने में चूक करना अथवा इंकार करना।
(43) किसी जेल अधिकारी के वैधानिक आदेश को न मानना अथवा निर्धारित प्रकार से कर्तव्य करने में चूक करना अथवा इंकार करना।
(44) दंगे अथवा विद्रोह में भाग लेना अथवा अन्य बंदी को दंगे अथवा विद्रोह भाग लेने के लिए प्रेरित करना।
(45) जातिगत अथवा धार्मिक पूर्वाग्रह के आधार पर विरोध प्रकट करना।
(46) अनाधिकृत रूप से भोजन पकाना।
भोजन खाने से किसी प्रकार से इंकार करना या भूख हड़ताल करना गंभीर जेल अपराध है। उपरोक्त अनुशासन भंग किए जाने की स्थिति में बंदी को धारा 46 एवं धारा 52 कारागार अधिनियम 1894 के प्रावधानों के तहत दंडित किया जा सकता है और दंड के रूप दोष सिद्ध होने की दशा में पृथक से एक वर्ष तक के कारावास की सजा दी जा सकती है।
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Sanjeev Tiwari, Advocate. Chambers of Om Sai Associates (Advocates and Legal Consultants) December 2004 – Present (12 years) Handling Cases and advise clients on all the legal matters. Attended District Court Proceedings. Worked on several matters related to Property Laws, Revenue Laws, Civil Laws, Companies Law, Contract Law and Acquisitions laws. Specifically studied and prepared briefs on Property Laws, Acquisitions law and matters. Learned drafting plaint and legal notices, Drafted reply of various legal matters and also attended various personal hearing. Investigation of Titles, Searches, Title clearance reports, Property Registration, Diversion of land use and Documentation etc.
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